भाग 1:
प्रारंभ अमृतसर की संकरी गलियों में, जहां हवाओं में मसालों की खुशबू तैरती रहती थी और सड़कें जीवन से भरी रहती थीं, वहीं एक छोटी सी दुकान थी – हकीम नासिर अली की "दवा की दुकान"। नासिर एक जाना-माना हकीम था, जो जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक उपचारों से लोगों का इलाज करता था। उसकी दुकान पर हमेशा भीड़ रहती थी, और लोग उसके इलाज पर आंख बंद करके भरोसा करते थे।नासिर का एकमात्र बेटा, अयान, शहर के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा था। हालांकि, अयान ने आधुनिक चिकित्सा को अपनाया था, फिर भी उसके पिता की परंपरागत चिकित्सा में गहरी आस्था थी। अयान को कभी-कभी अपने पिता के उस ज्ञान पर गर्व भी होता, लेकिन साथ ही वह इसे पुराने जमाने की बात समझकर उपेक्षित करता था।: ज़िंदगी में तूफानअयान की जिंदगी अचानक तब बदल गई जब उसकी मां की अचानक मृत्यु हो गई। उसकी मां हमेशा से एक मजबूत और जिंदादिल औरत थीं, लेकिन एक रात अचानक उनका शरीर कमजोर हो गया और कुछ ही घंटों में उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने इसे एक रहस्यमय जहर का मामला बताया, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला।अयान की मां की मौत ने उसे तोड़ दिया। वह अपने पिता के साथ इस दुख का सामना करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन नासिर अली अंदर से बहुत टूट चुका था। वह दिन-रात अपनी पुरानी पुस्तकों में खोया रहता, जैसे किसी अदृश्य दुश्मन की खोज कर रहा हो।: सच्चाई की परतेंकुछ महीनों बाद, अयान को अपने कॉलेज में एक जहर का केस मिला। एक आदमी को रहस्यमय ढंग से अस्पताल लाया गया, और उसके शरीर में वही लक्षण थे जो उसकी मां के थे। अयान इस मामले में बहुत दिलचस्पी लेने लगा। उसने उस आदमी की स्थिति का अध्ययन किया और पाया कि वह व्यक्ति भी नासिर अली का ग्राहक था।अयान ने गहराई से शोध करना शुरू किया, और धीरे-धीरे उसे यह संदेह हुआ कि उसकी मां और इस व्यक्ति को जो जहर दिया गया था, वह कोई साधारण जहर नहीं था। वह एक ऐसा ज़हर था, जो सदियों से इस्तेमाल नहीं हुआ था – एक प्राचीन फार्मूला, जिसे केवल कुछ गिने-चुने लोग जानते थे। इस जहर का नाम था "ज़हर-ए-हमजा", जो नासिर अली की पुस्तकों में लिखा हुआ था। अतीत की परछाइयाँअयान अब अपने पिता से जवाब चाहता था। वह जानता था कि नासिर अली का इस मामले से कोई न कोई संबंध है। एक रात उसने अपने पिता से पूछा, "अब्बू, मां को किसने मारा?"नासिर अली ने गहरी सांस ली और बोला, "बेटा, यह जहर तुम्हारे सोचने से भी ज्यादा पुराना और खतरनाक है। ज़हर-ए-हमजा एक ऐसा जहर है, जो न केवल शरीर को बल्कि आत्मा को भी धीरे-धीरे खत्म करता है। इसका इलाज सिर्फ वही कर सकता है जिसने इसे बनाया हो।"अयान को समझ नहीं आया कि उसके पिता क्यों इस जहर के बारे में इतना जानते थे। फिर नासिर ने उसे बताया कि उनके पूर्वज इसी जहर का उपयोग राजाओं के दुश्मनों को खत्म करने के लिए करते थे। "मैंने कभी सोचा नहीं था कि यह फिर से हमारी जिंदगी में आएगा," नासिर ने रोते हुए कहा।: साज़िश की परतेंअयान ने अब ठान लिया था कि वह इस साज़िश का पर्दाफाश करेगा। उसने पुराने दस्तावेजों और हकीम नासिर अली की पुस्तकों का गहन अध्ययन करना शुरू किया। जल्द ही उसे पता चला कि शहर में कई और लोग इसी ज़हर का शिकार हो चुके थे, लेकिन उनका मामला कभी उजागर नहीं हुआ था।अयान को एक गुप्त समाज के बारे में पता चला, जिसका नाम था "सफेद नाग", जो इस ज़हर का इस्तेमाल अपने राजनीतिक दुश्मनों को खत्म करने के लिए करता था। यह समाज सदियों से छिपा हुआ था, और इसके सदस्य बेहद शक्तिशाली थे। वे नासिर अली को भी अपने जाल में फंसाना चाहते थे, क्योंकि वह ही इस ज़हर का असली जानकार था। आखिरी लड़ाईअयान को पता चल गया था कि सफेद नाग समाज उसके पिता को ज़हर देने की कोशिश कर रहा है, ताकि वे उनकी ज्ञान का फायदा उठा सकें। उसने तुरंत अपने पिता को आगाह किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। नासिर अली को पहले ही धीमा ज़हर दिया जा चुका था।अयान ने अपने पिता की जान बचाने के लिए उस प्राचीन किताब से इलाज खोजने की कोशिश की, जिसमें ज़हर-ए-हमजा का फार्मूला था। लेकिन उसे एक शर्त मिलती है: इलाज वही कर सकता है जिसने खुद ज़हर को बनाया हो। अब अयान को सफेद नाग समाज के खिलाफ खड़ा होना था, ताकि वह अपने पिता और बाकी लोगों को बचा सके। अंत का आरंभअयान ने सफेद नाग समाज के मुख्यालय का पता लगाया और वहां जाकर उनका सामना किया। यह एक घातक लड़ाई थी, जहां चालाकी और दिमाग की लड़ाई लड़ी जा रही थी। अंततः अयान ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया, जिसने ज़हर बनाया था, और उसे मजबूर किया कि वह नासिर अली और बाकी पीड़ितों का इलाज करे।नासिर अली को बचा लिया गया, लेकिन अयान की यह लड़ाई यहीं खत्म नहीं हुई। सफेद नाग समाज अभी भी जिंदा था, और अयान ने ठान लिया कि वह इस समाज का अंत करेगा।भाग 8: ज़हर का प्रभावकहानी का अंत इस बात से होता है कि अयान नासिर अली की पुरानी पुस्तकों को लेकर दुनिया भर में उन लोगों को खोजने निकल पड़ता है, जो इस ज़हर का इस्तेमाल कर रहे हैं। उसके मन में अब एक ही लक्ष्य है – दुनिया को इस प्राचीन ज़हर से मुक्त करना, चाहे इसके लिए उसे अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े।